मौसम

Pic :- Gelugram

हाँ तुम मौसम ही तो हो
वो जो घिर के बरसती है और मेरे दिल
के धरातल को भीगा जाती है..!!
बारिश की वो फुहार तुम ही तो हो
हाँ तुम मौसम ही तो हो..!!

गुलाबी सर्दियों की ठिठुरन में, बदन में
उठती सिहरन में..!!
मेरे मन के अम्बर पर छाये घने कोहरे से
खिलती नर्म धूप की गर्माहट के एहसास में
तुम ही तो हो..
हाँ तुम मौसम ही तो हो..!!

झुलसाती गर्मियों की दहक में, नीरस सी
गुजरती रात में…!!
उजाड़ से ठहरे हुए  उदास दिन में
कभी न बुझने वाली प्यास में तुम ही तो हो
हाँ तुम मौसम ही तो हो..!!

तुम्हारी उदासी पतझड़ जैसी
तुम्हारी मुस्कान बसंत की बहार
शज़र से बिछड़े पत्तों में तुम
महकती बासंती बयार में तुम ही तो हो
हाँ तुम मौसम ही तो हो..!!

©अनु उर्मिल’अनुवाद’

(26/07/2020)

Published by अनुरागिनी

I am a student and passionate about writing stories, poetries

6 thoughts on “मौसम

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